tag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post2882232800529544825..comments2023-09-23T13:53:43.724+05:30Comments on जज़्बात جذبات Jazbaat: जीवन कच्ची मिट्टी काशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''http://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comBlogger42125tag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-92198501949378558092011-12-13T23:48:32.755+05:302011-12-13T23:48:32.755+05:30शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का
बस...शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का<br />बस गमलों तक सिमट गया है उपवन कच्ची मिट्टी का<br /><br />पत्थर के महलों में भी गुल खिल तो सकते हैं लेकिन<br />शर्त है बस इतनी हो घर में आंगन कच्ची मिट्टी का<br /><br />ठेस लगी, दिल टूट गया, अब छोड़ो भी, जाने भी दो<br />बच भी आखिर कब तक पाता बरतन कच्ची मिट्टी का<br /><br />पत्थर तो पत्थर हैं इनकी फ़ितरत में अहसास कहां<br />मेरे अल्लाह मुझको देना ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-36726006943996198452011-12-06T18:45:45.303+05:302011-12-06T18:45:45.303+05:30पत्थर के महलों में भी गुल खिल तो सकते हैं लेकिन
शर...पत्थर के महलों में भी गुल खिल तो सकते हैं लेकिन<br />शर्त है बस इतनी हो घर में आंगन कच्ची मिट्टी का<br /><br />waahhhhh<br /><br />jeevan mitti ka kabhi chhutega nahi sir...<br /><br />khubsoorat gazal...CS Devendra K Sharma "Man without Brain"https://www.blogger.com/profile/14027886343199459617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-26960171581895296482011-12-01T09:08:49.018+05:302011-12-01T09:08:49.018+05:30बहुत प्यारी और जानदार ग़ज़ल है मिर्जा साहब!
हर शेर...बहुत प्यारी और जानदार ग़ज़ल है मिर्जा साहब!<br />हर शेर तराशा हुआ है।<br />ये शेर तो बेहद वजनदार हैं-<br /><br />शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का<br />बस गमलों तक सिमट गया है उपवन कच्ची मिट्टी का<br /><br />पत्थर के महलों में भी गुल खिल तो सकते हैं लेकिन<br />शर्त है बस इतनी हो घर में आंगन कच्ची मिट्टी का<br /><br />शहर में आकर रस्म-तकल्लुफ़ सीख गया शाहिद लेकिन<br />मुझसे अब तक छूटkumar zahidhttps://www.blogger.com/profile/16434201158711856377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-37461573276470703482011-11-28T14:54:51.042+05:302011-11-28T14:54:51.042+05:30Ise shayri nahi ... Jadugari kaha jana chahiye ......Ise shayri nahi ... Jadugari kaha jana chahiye ...<br />Bohot achha laga aapki ghazal padhke. Main aapke blog pe lagatar aataa rehta hoon , comment har baar nahi chhodta .. Lekin is ghazal ne majboor kar diya.<br />Regards<br />VishalVishalhttps://www.blogger.com/profile/12635270721194708839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-18637642936817982012011-11-24T11:08:27.897+05:302011-11-24T11:08:27.897+05:30ये कच्ची मिटटी दिल को छु गयी.. हालाँकि आपके लफ्जों...ये कच्ची मिटटी दिल को छु गयी.. हालाँकि आपके लफ्जों में दिल भी है कच्ची मिटटी का... बहुत बुनियादी कविता/ गज़ल है बेहतर बेहतरीन ..डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-65800079747666523832011-11-21T12:04:36.270+05:302011-11-21T12:04:36.270+05:30पत्थर तो पत्थर हैं इनकी फ़ितरत में अहसास कहां
मेरे...पत्थर तो पत्थर हैं इनकी फ़ितरत में अहसास कहां<br />मेरे अल्लाह मुझको देना जीवन कच्ची मिट्टी का<br /><br />शहर में आकर रस्म-तकल्लुफ़ सीख गया शाहिद लेकिन<br />मुझसे अब तक छूट न पाया दामन कच्ची मिट्टी का<br /><br />वाह!..क्या खूब शेर कहे हैं आपने. कच्ची मिटटी की खुशबू जेहनो-दिल को तर कर गयी. बहुत ही उम्दा ग़ज़ल...मुबारक हो. मैं आपके ब्लॉग पर कभी-कभार आता रहा हूँ. आप पहली बार मेरे ब्लॉग पर आये. devendra gautamhttps://www.blogger.com/profile/09034065399383315729noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-50614457133670688272011-11-17T11:35:58.441+05:302011-11-17T11:35:58.441+05:30शाहिद जी
अच्छी ग़ज़ल......
शहर में आकर रस्म-तकल्ल...शाहिद जी<br />अच्छी ग़ज़ल......<br /><br />शहर में आकर रस्म-तकल्लुफ़ सीख गया शाहिद लेकिन<br />मुझसे अब तक छूट न पाया दामन कच्ची मिट्टी का.<br />इस शेर के क्या कहने.... दाद क़ुबूल फरमाएंPawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-50621880113873177762011-11-17T11:35:36.633+05:302011-11-17T11:35:36.633+05:30शाहिद जी
अच्छी ग़ज़ल......
शहर में आकर रस्म-तकल्ल...शाहिद जी<br />अच्छी ग़ज़ल......<br /><br />शहर में आकर रस्म-तकल्लुफ़ सीख गया शाहिद लेकिन<br />मुझसे अब तक छूट न पाया दामन कच्ची मिट्टी का.<br />इस शेर के क्या कहने.... दाद क़ुबूल फरमाएंPawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-11638845715804547962011-11-13T12:29:22.679+05:302011-11-13T12:29:22.679+05:30शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का
बस...शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का<br />बस गमलों तक सिमट गया है उपवन कच्ची मिट्टी का<br /><br />पत्थर तो पत्थर हैं इनकी फ़ितरत में अहसास कहां<br />मेरे अल्लाह मुझको देना जीवन कच्ची मिट्टी का<br /><br />बहुत खूब<br />बेहतरीन!!kumar zahidhttps://www.blogger.com/profile/16434201158711856377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-20462286540227477962011-11-11T20:24:53.399+05:302011-11-11T20:24:53.399+05:30शहर में आकर रस्म-तकल्लुफ़ सीख गया शाहिद लेकिन
मुझस...शहर में आकर रस्म-तकल्लुफ़ सीख गया शाहिद लेकिन<br />मुझसे अब तक छूट न पाया दामन कच्ची मिट्टी का<br />बेहतरीन ग़ज़ल । धन्यवाद ।रजनीश तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/10545458923376138675noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-53192595203096768362011-11-10T12:14:16.074+05:302011-11-10T12:14:16.074+05:30बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति , बधाई.
कृपया मेरे ब्...बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति , बधाई.<br /><br /><br />कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें, आभारी होऊंगा .S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-22922403497706721252011-11-09T17:00:23.981+05:302011-11-09T17:00:23.981+05:30शहर में आकर रस्म-तकल्लुफ़ सीख गया शाहिद लेकिन
मुझसे...शहर में आकर रस्म-तकल्लुफ़ सीख गया शाहिद लेकिन<br />मुझसे अब तक छूट न पाया दामन कच्ची मिट्टी का<br /> ye sher mujhe sabse jyada pasand aaya wese choice rakhne jaisa mouka aapne diyan nahi,sare sher ek se badhkar ek hainkanu.....https://www.blogger.com/profile/16556686104218337506noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-76049084646553371262011-11-08T20:38:33.799+05:302011-11-08T20:38:33.799+05:30वाह वाह
बहुत खूब
मुकम्मिल गज़ल ही बेहतरीन हैवाह वाह <br />बहुत खूब <br />मुकम्मिल गज़ल ही बेहतरीन हैDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-9534606899663194332011-11-08T13:49:38.660+05:302011-11-08T13:49:38.660+05:30शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का
बस...शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का<br />बस गमलों तक सिमट गया है उपवन कच्ची मिट्टी का<br />सबसे ज्यादा यथार्थ झलकता शेर .शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-38635499845962521262011-11-08T13:31:18.873+05:302011-11-08T13:31:18.873+05:30वाह शाहिद भाई ... कमाल की गज़ल ... क्या गज़ब का रद...वाह शाहिद भाई ... कमाल की गज़ल ... क्या गज़ब का रदीफ निभाया है पूरी गज़ल में ...<br /><br />शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का<br />बस गमलों तक सिमट गया है उपवन कच्ची मिट्टी का<br /><br />जीवन की सच्चाई को बस इस एक शेर में सिमेट दिया है आपने ... <br /><br />ठेस लगी, दिल टूट गया, अब छोड़ो भी, जाने भी दो<br />बच भी आखिर कब तक पाता बरतन कच्ची मिट्टी का<br />दिल तो वाकई मिट्टी का ढेला हीदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-5820663695645374592011-11-08T07:53:29.000+05:302011-11-08T07:53:29.000+05:30शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का
बस...शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का<br />बस गमलों तक सिमट गया है उपवन कच्ची मिट्टी का<br />पत्थर के महलों में भी गुल खिल तो सकते हैं लेकिन<br />शर्त है बस इतनी हो घर में आंगन कच्ची मिट्टी का...<br />बहुत सुन्दर और सटीक शेर ! लाजवाब ग़ज़ल ! बधाई!<br />मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-<br />http://seawave-babli.blogspot.com/<br />http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen।..com/Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-85907987106564838442011-11-07T23:49:40.716+05:302011-11-07T23:49:40.716+05:30पत्थर तो पत्थर हैं इनकी फ़ितरत में अहसास कहां
मेरे...पत्थर तो पत्थर हैं इनकी फ़ितरत में अहसास कहां<br />मेरे अल्लाह मुझको देना जीवन कच्ची मिट्टी का<br /><br />ek dam sach kaha.<br />bahut umda gazal.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-13263562382817982152011-11-07T23:10:15.623+05:302011-11-07T23:10:15.623+05:30shahid ji ..bahut sundar..itne saral shabdon me aa...shahid ji ..bahut sundar..itne saral shabdon me aapke kitni gahri baat kahi hai....bahut sundar..सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-41684694965597255032011-11-07T19:20:31.052+05:302011-11-07T19:20:31.052+05:30पत्थर के महलों में भी गुल खिल तो सकते हैं लेकिन
शर...पत्थर के महलों में भी गुल खिल तो सकते हैं लेकिन<br />शर्त है बस इतनी हो घर में आंगन कच्ची मिट्टी का<br /><br />बहुत खूब .....<br /><br />पत्थर तो पत्थर हैं इनकी फ़ितरत में अहसास कहां<br />मेरे अल्लाह मुझको देना जीवन कच्ची मिट्टी का<br /><br />अल्लाह से ऐसी दुआ कोई फ़कीर ही मांग सकता है<br /><br />शाहिद जी आपकी गजलें सीधे दिल में उतरती हैं ....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-26471353036272489132011-11-07T19:19:49.223+05:302011-11-07T19:19:49.223+05:30पत्थर के महलों में भी गुल खिल तो सकते हैं लेकिन
शर...पत्थर के महलों में भी गुल खिल तो सकते हैं लेकिन<br />शर्त है बस इतनी हो घर में आंगन कच्ची मिट्टी का<br /><br />बहुत खूब .....<br /><br />पत्थर तो पत्थर हैं इनकी फ़ितरत में अहसास कहां<br />मेरे अल्लाह मुझको देना जीवन कच्ची मिट्टी का<br /><br />अल्लाह से ऐसी दुआ कोई फ़कीर ही मांग सकता है<br /><br />शाहिद जी आपकी गजलें सीधे दिल में उतरती हैं ....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-71790329961842476732011-11-06T22:03:22.877+05:302011-11-06T22:03:22.877+05:30बूंदें देखीं और खिल उठा जोबन कच्ची मिट्टी का
कितना...बूंदें देखीं और खिल उठा जोबन कच्ची मिट्टी का<br />कितना गहरा रिश्ता है ये सावन-कच्ची मिट्टी का.<br />बहुत खूब.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-19946269606977885992011-11-06T21:00:41.798+05:302011-11-06T21:00:41.798+05:30पत्थर के महलों में भी गुल खिल तो सकते हैं लेकिन
शर...पत्थर के महलों में भी गुल खिल तो सकते हैं लेकिन<br />शर्त है बस इतनी हो घर में आंगन कच्ची मिट्टी का !<br /><br />बहुत खूब ,शानदार और जानदार गज़ल के जरिये कच्ची मिटी की सोंधी महक से जोड़ा आपने !बहुत बहुत बधाई आपको !अरुण अवधhttps://www.blogger.com/profile/15693359284485982502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-28435842218834381552011-11-06T21:00:38.019+05:302011-11-06T21:00:38.019+05:30बेहतरीन ग़ज़ल. बधाई और शुभकामनायें.बेहतरीन ग़ज़ल. बधाई और शुभकामनायें.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-13866265188330334062011-11-06T20:15:06.729+05:302011-11-06T20:15:06.729+05:30शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का
बस...शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का<br />बस गमलों तक सिमट गया है उपवन कच्ची मिट्टी का<br />क्या बात है शाहिद जी!! दिनोंदिन पक्की होती जा रही मिट्टी की कितनी सार्थक चिन्ता!!<br /><br />शहर में आकर रस्म-तकल्लुफ़ सीख गया शाहिद लेकिन<br />मुझसे अब तक छूट न पाया दामन कच्ची मिट्टी का<br />मिट्टी से जुड़े लोग कहीं भी जायें, कहीं भी रहें, उनकी बातों में , उनकी यादों में मिट्टी ज़िन्दा रहती हैवन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3090137180655757796.post-71518221374080164002011-11-06T17:03:57.094+05:302011-11-06T17:03:57.094+05:30शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का
बस...शहर में कितनों को मिलता है बचपन कच्ची मिट्टी का<br />बस गमलों तक सिमट गया है उपवन कच्ची मिट्टी का<br />कुछ ऐसा ही जीवन हो गया है हम सब का भी.गमले तक सिमट गया है.<br />बहुत गहरी अभिव्यक्ति.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.com