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Saturday, October 3, 2009

Gandhi ji

दोस्तों  
आज राष्ट्र  पिता महात्मा गाँधी जी की जयंती है बहुत पहले पोखरण विस्फोट के समय कहा था आज याद आ रहा है --
अहिंसा के 
मसाएल पर रज़ा अपनी भी रखते हैं
कोई बुजदिल समझ बैठे दवा इसकी
भी रखते हैं
धमाकों से तो ऐ दुनिया फ़क़त इतना दिखाना था
हैं गाँधी भी मगर हम हाथ में लाठी भी रखते हैं

1 comment:

इस्मत ज़ैदी said...

shahid sahab,
aik naya khayal,
dushman ko uski jagah dikhane ka achha tareeqa.