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Thursday, December 31, 2009

नया साल मुबारक














हज़रात, यूं तो धार्मिक तौर पर अलग अलग नया साल मनाया जाता है.

लेकिन 'ग्रिगेरियन' नववर्ष पर हम सभी 'एकजुट' हो जाते हैं.

इन्ही परम्पराओं का निर्वहन करते हुए आप सभी को

नये साल 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं
शुरूआत एक शेर से-

इस नये साल हर इन्सां हो खुदाया ऐसा,
हर बशर से उसे अपनी ही सी खुशबू आये.


एक कताअ-
अम्न हो नये साल हर दिन चैन हो आराम हो
शाम बीते साल की सब रंज-ओ-गम की शाम हो
आपने देखें हैं जो सपने वो पूरे हों सभी
आपका हर आरज़ू हर चाहतों पर नाम हो


एक सवाल
इस खुशी के मौके पर जश्न हैं तराने हैं
उलझनें भुलाने के क्या हसीं बहाने हैं
शक्ल कैसे बदलेगी इस तरह ज़माने की`
साल है नया लेकिन ज़ेहन सब पुराने हैं


बहरहाल कोशिश करें -
आओ मिल-जुल के चलें साथ नई राहों पर 
नई खुशियां नये सपने नई उम्मीद लिये 
हो नये साल की हर रात दीवाली शाहिद 
है दुआ रब ये कि दिन आयें सभी ईद लिये

आईये सब मिलकर दुआ करें-
ज़िन्दगी को प्यार का आसां सफर कर दे खुदा
है मेरे लब पर दुआ तू बाअसर कर दे खुदा
दस के आगे लग गया जैसे सिफर नये साल में
बुग्ज़ो-नफरत और तअस्सुब को सिफर कर दे खुदा

शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

27 comments:

Pushpendra Singh "Pushp" said...
This comment has been removed by a blog administrator.
Pushpendra Singh "Pushp" said...

आपको व आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं...............
और बेहतरीन रचना के लिए बहुत बहुत आभार

दिगम्बर नासवा said...

आओ मिल-जुल के चलें साथ नई राहों पर

नई खुशियां नये सपने नई उम्मीद लिये

हो नये साल की हर रात दीवाली शाहिद

है दुआ रब ये कि दिन आयें सभी ईद लिये

आमीन ...... शाहिद साहब हमारी तरफ से आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की मंगल कामनाएँ ........

सर्वत एम० said...

जितनी ख्वाहिशों, उम्मीदों, तमन्नाओं, आरजूओं की दुआएं की हैं, खुदा उन्हें कभी न कभी पूरा जरूर करेगा. मैं यह दुआ करता हूँ कि यह सब २०१० में पूरी हो जाएँ. मौके के अशआर और म्न्जूमात बड़े सलीके से सजाये हैं. मुझे डर सा महसूस होने लगा है, कहीं तुम्हें नजर न लग जाये. बहुत मेहनत कर रहे हो और इस मेहनत के पसीने की चमक दिखाई भी दे रही है.
नया साल मुसर्रतों, खुशियों और कामयाबी का जामिन बने--- आमीन.

शबनम खान said...

jo sawal uthaya ha aapne...
इस खुशी के मौके पर जश्न हैं तराने हैं
उलझनें भुलाने के क्या हसीं बहाने हैं
शक्ल कैसे बदलेगी इस तरह ज़माने की`
साल है नया लेकिन ज़ेहन सब पुराने हैं
vo bohot hi accha laga...
naye sal ki sab ek dusre ko badhayi to zoro shoro se de rahe ha par...is naye sal me sirf tarikh hi badlenge ya kuch aur bhi ye nnhi pta...
ummeed ha sab aacha hi ho...

अनामिका की सदायें ...... said...

SHAHID JI AAPKO AUR APKE PARIWAR KO MERI TARAF SE HARDIK SHUBHKAAMNAYE.

Unknown said...

subhan Allah bohot khoob janab saal naya hai aur zahen purane hai bohot umdah aur haqeeqat hai waise hamara naya saal moharram to kuch din pehle hi shuru hogaya........aap apna kalam chalate rahiye...aage bhi apse aise hi umdah kalam ki umeed hai

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

पीसिंह साहब, दिगम्बर नासवा जी, शबनम साहिबा, नासिर साहब
आप सबका शुक्रगुजार हूं
नये साल की फिर से मुबारकबाद

मोहतरम सर्वत साहब, आदाब
हौसला अफज़ाई के लिये खाकसार आपका शुक्रिया अदा करता है
आपने नज़र की बात की,
मेरा अकीदा है-
जिनके साथ आप जैसे करम फरमाओं की इतनी सारी दुआएं हों,
अल्लाह की पनाह में वो नज़रे-बद से महफूज़ ही रहते हैं
हां, आपसे दुआओं की दरख्वास्त हमेशा रहेगी
ये हमारा हक़ भी है, और ज़रूरत भी.
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

हास्यफुहार said...

नया साल मंगलमय हो ... 2010 हंसी और हंसी-ख़ुशी से भरा रहे !!!!

manu said...

अम्न के फूल खिलें,नफरतों की जंग ना हो..
'बे-तखल्लुस' ये नया साल नए रंग का हो...

मुबारक हो शाहिद जी...

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

नव वर्ष की अशेष कामनाएँ।
आपके सभी बिगड़े काम बन जाएँ।
आपके घर में हो इतना रूपया-पैसा,
रखने की जगह कम पड़े और हमारे घर आएँ।
--------
2009 के ब्लागर्स सम्मान हेतु ऑनलाइन नामांकन
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के पुरस्कार घोषित।

इस्मत ज़ैदी said...

aao mil jul ke chalen...........
bahut khoob khuda kare apki sabhi duayen poori hon khas taur par isliye bhi ki yahan insaniyat ki bahboodi ki bat ho rahi hai ,amn o aashti ki baat ki ja rahi hai
ap ko ,apke khairkhwahon ko aur ap ke blog par ane wale sabhi logon ko naya sal mubarak ho ameen

"अर्श" said...

मिर्ज़ा साहिब को सलाम ,
नए साल जैसे मुक़द्दस मौके पर इस खाकसार के तरफ से इसकी साड़ी दुआएं क्कुबुल फर्में,
जो जमीनी बातें आप करते हैं उसका मैं मुरीद हूँ,शायाद आज तक
नहीं बता पाने का कारण यह है के शब्दों में बहुत गरीब हूँ हमेशा ,
यह साल आपके ज़िंदगी में खूब खुशियाँ लेकर आये ... आमीन


आपका
अर्श

तिलक राज कपूर said...

क्‍या बात है शाहिद साहब:
शक्ल कैसे बदलेगी इस तरह ज़माने की`
साल है नया लेकिन ज़ेहन सब पुराने हैं।
आपने स्‍वर्गीय सर्वेश्‍वर दयाल सक्‍सेना की कविता 'कोई मेरे साथ चले' के पेड़ों की याद दिला दी।
'दस के आगे लग गया जैसे सिफर इस साल में
बुग्ज़ो-नफरत औ तआस्सुब को सिफर कर दे खुदा'
क्‍या दुआ है साहब, वाह वाह।
तिलक राज कपूर

daanish said...

बहुत खूब ...
शाहिद साहब !
आपकी ख्वाहिशात रंग लाएं .....
आपकी दुआओं में असर आये ....
आपकी हर इल्तिजा क़ुबूल हो ....
यही दुआ करता हूँ
खुश रहिये........

लता 'हया' said...

बहुत- बहुत शुक्रिया मिर्ज़ा साहेब ,
मैंने अपने ब्लॉग पर आपका 'भूक ' लफ्ज़ के मुताल्लिक स्पष्टीकरण देने पर ख़ास तौर पर शुक्रिया अदा किया था ,और आज भी अपनी ग़ज़ल के हर शेर पर आपका कमेन्ट किसी दुआ से कम नहीं है ,२ दिनों बाद फिर उस ग़ज़ल पर नज़र डालियेगा ,कुछ अशआर और हो गए जो पोस्ट करने वाली हूँ .
और आपके 'JAZBAAT ,' और नए साल में आपकी जज्बाती दुआओं का तो क्या कहना ! वाह

देवेन्द्र पाण्डेय said...

बुग्ज़ो-नफरत और तआस्सुब को सिफर कर दे खुदा..
--वाह! इस मिसरे के लिए बधाई। नववर्ष आपके जीवन में भी ढेरों खुशियाँ लेकर आए।

Udan Tashtari said...

ज़िन्दगी को प्यार का आसां सफर कर दे खुदा
है मेरे लब पर दुआ तू बाअसर कर दे खुदा
दस के आगे लग गया जैसे सिफर नये साल में
बुग्ज़ो-नफरत और तआस्सुब को सिफर कर दे खुदा

-बहुत खूब कहा शाहिद साहब!!


नया साल मुबारक हो. अब नियमित आना होगा. :)

Alpana Verma said...

ज़िन्दगी को प्यार का आसां सफर कर दे खुदा
है मेरे लब पर दुआ तू बाअसर कर दे खुदा
दस के आगे लग गया जैसे सिफर नये साल में
बुग्ज़ो-नफरत और तआस्सुब को सिफर कर दे खुदा'

waah!
behad khubsurat!

naye saal ki dher sari shubhkamnayen.

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

वाह ! उम्दा प्रस्तुति है.
नववर्ष की बधाई और शुभकामनाओं सहित

- सुलभ

वन्दना अवस्थी दुबे said...

बहुत खूब. शुभकामनायें.

गौतम राजऋषि said...

शाहिद साब को सलाम...नये साल के उपलक्ष्य पर इन खूबसूरत कताओं का उपहार..अहा!

क्या कहने! खुदा करे आपकी लेखनी हम सब पर यूं ही अपनी इनायत बरसाती रहे!!

हरकीरत ' हीर' said...

ज़िन्दगी को प्यार का आसां सफर कर दे खुदा
है मेरे लब पर दुआ तू बाअसर कर दे खुदा
दस के आगे लग गया जैसे सिफर नये साल में
बुग्ज़ो-नफरत और तआस्सुब को सिफर कर दे खुदा

दुआ कबूल कर अब अए इलाही
के नया साल तुझसे रहम मांगता है .....!!

अमिताभ श्रीवास्तव said...

janaab shaahid ji,
muflis ji ne jis kadar aapko navazaa he bas ham bhi unhi ki tarah aapki rachna ki taarif karte he., aapki lekhani me ek alag tarah ki khushbu he..insaaniyat jhalakti he..waah, bahut khoob..
pahli baar aapke blog par aayaa aour sach me deevana ho gayaa..ab aataa rahungaa

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

सविता जी, मनु जी, राजकुमार जी, रजनीश जी,
इस्मत साहिबा, देवेन्द्र जी, अल्पना जी, सुलभ जी,
वंदना जी, गौतम जी, हरकीरत जी, अमिताभ जी
आप सबका नये साल में इस्तकबाल करता हूं,
हौसला अफजाई के लिये आप सभी का अहसानमंद हूं..
उमीद है ये सिलसिला यूंही चलता रहेगा...

तिलकराज जी, आपकी अनमोल दुआओं के लिये बहुत बहुत शुक्रिया
डीके मुफलिस जी, आपके शायराना अंदाज में दुआओं भरे कमेंट के लिये
सही लफ्ज लग रहा है......... आमीन
लता 'हया' साहिबा, आपने 'जज्बात' के लिये वक्त निकाला,
इसके लिये सिर्फ शुक्रिया कहना नाकाफी होगा..
फिर भी आपकी इनायत के लिये शुक्रिया..
समीर लाल जी, आपकी नज़र इस ब्लाग पर पड़ गयी, मैं धन्य हो गया
आप सभी को एक बार फिर नये साल की हार्दिक शुभकामनाएं
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

manu said...

ji saahib..
shukriya aapkaa....

shama said...

Dua karti hun aapkee har tamanna pooree ho!