मैं आम तौर पर सियासी बहस से खुद को दूर ही रखने की कोशिश करता हूं..
अलबत्ता हिन्दुस्तान के तमाम मुसलमानों की तरफ से...
एक दलील...एक सबूत..
कताअ की शक्ल में पेश कर रहा हूं...
वतन की सरज़मीं पर ही किया करते हैं हम सजदे
हमें अपने फलक पर नूर-ए-हक़ की दीद होती है.
हमारे ही वतन की सरहदों में चांद जब आए
हमारा... जश्न होता है... हमारी... ईद होती है.
शाहिद मिर्ज़ा 'शाहिद'
14 comments:
वतन की सरहदों में ही किया करते हैं हम सजदे....
बिल्कुल सही फरमाया आपने...
वाह! क्या खूब
आपके चार पंक्तियों से हमें भी ईद के चाँद का एहसास हो गया।
bohot khoob jaanb kaafi gehrayii wali baat kahi hai apne keep it up
हमारे ही वतन की सरहदों में चांद जब आये
हमारा... जश्न होता है... हमारी... ईद होती है...
Behad Umda...
shahid sahab Asslamu Alaykum
aap ne abhi tak hamari guzarish par gaur nahi faramye umeed karte hain ki aap jald tauheed par kuch likhenge
बहुत खूब ......... वतन परस्तिश की खुशबू है आपकी इन चार लाइनों में .......... इद मुबारक ......
bahut hi umdaa ....
in chnd alfaaz meiN aapka
nek aur paakeeza jazba
runumaa ho rahaa hai .
mubarakbaad .
शुभ अभिवादन! दिनों बाद अंतरजाल पर! न जाने क्या लिख डाला आप ने! सुभान अल्लाह! खूब लेखन है आपका अंदाज़ भी निराल.खूब लिखिए. खूब पढ़िए!
nice
... उम्दा, उम्दा, उम्दा, ... 'खुदा' इन जज्बातों को सभी के दिलों मे बसा दे,.... आमीन-आमीन !!!!!!
नमस्कार शहीद साब ,
क्या खूब शे'र कहे हैं आपने बस चाँद लफ्जों में ... जिस कसौटी में कसा है आपने
दिल को कचोट कर रख दिया आपने ... इसे ताजगी कहूँ कहन में या पुरानी शाब को नयी बोतल मिली है .... ? बहुत ही मह्सुसियत भरी बात की है आपने ... सलाम
अर्श
bahut khoob shahid sahab ,aap ki hubbulwatani ki qadr karti hoon.chand alfaz men pakeezah jazbon ki bharpoor akkasi ki gayi hai ,mubarak ho -kamyabi bhi aur aane wali eiden bhi .
भावनात्मक और दिल को छूने वाली रचना....
आदरणीय, ग़ज़ब के कताअ निकले हैं आपकी कलम से. ईद पर भी क्या खूब कहा है, चार लाइनों में जैसे चार किताबें.
एक मदद आपसे चाहता हूँ, कताअ बंद अशआर वाली कुछ ग़ज़लों के नमूने अगर आपके पास हों तो मेरे ज्ञानवर्धन के लिए मेरी मेल पर पोस्ट करने की मेहरबानी करें या इंटरनेट पर कोई लिंक आपकी नजर में हो तो मुझे सूचित करें, अहसानमंद रहूँगा. मेरी इस टिप्पणी को पढने वाले कोई और सज्जन भी अगर मेरा ज्ञानवर्धन कर सकें तो स्वागत है. मेरा ईमेल - madanmohanarvind@gmail.com
सादर
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