हज़रात,
फ़िलहाल काफ़ी कुछ ऐसा है, जो नियमित रूप से नहीं चल रहा है...
बहरहाल....
करवा चौथ के मौके पर कही गई एक नज़्म हाज़िर है...
उम्मीद है पसंद फ़रमाएंगे-
नज़्म
मेरे सपनों का जहां तुझमें बसा है प्रियतम
तेरी खुशियां ही तो सिंगार मेरा है प्रियतम
तुमको पाया तो लगा पाया ज़माना जैसे
मेरे दामन में हो खुशियों का ख़ज़ाना जैसे
अब्र उठता है मुहब्बत का तेरी आंखों से
और बारिश में नहा के मैं निखर जाती हूं
तेरे चेहरे पे नज़र आती है मुस्कान मुझे
ग़म के अहसास से मैं खु़द ही उबर जाती हूं
मेरे मोहसिन मेरे सरताज मुहाफ़िज़ मेरे
चांद सी उम्र हो तेरी ये दुआ करती हूं
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
फ़िलहाल काफ़ी कुछ ऐसा है, जो नियमित रूप से नहीं चल रहा है...
बहरहाल....
करवा चौथ के मौके पर कही गई एक नज़्म हाज़िर है...
उम्मीद है पसंद फ़रमाएंगे-
नज़्म
मेरे सपनों का जहां तुझमें बसा है प्रियतम
तेरी खुशियां ही तो सिंगार मेरा है प्रियतम
तुमको पाया तो लगा पाया ज़माना जैसे
मेरे दामन में हो खुशियों का ख़ज़ाना जैसे
अब्र उठता है मुहब्बत का तेरी आंखों से
और बारिश में नहा के मैं निखर जाती हूं
तेरे चेहरे पे नज़र आती है मुस्कान मुझे
ग़म के अहसास से मैं खु़द ही उबर जाती हूं
मेरे मोहसिन मेरे सरताज मुहाफ़िज़ मेरे
चांद सी उम्र हो तेरी ये दुआ करती हूं
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
19 comments:
अब्र उठता है मुहब्बत का तेरी आंखों से
और बारिश में नहा के मैं निखर जाती हूं
तेरे चेहरे पे नज़र आती है मुस्कान मुझे
ग़म के अहसास से मैं खु़द ही उबर जाती हूं
करवाचौथ के मौक़े की एक बेहतरीन नज़्म
बहुत ख़ूब !!
सुंदर रचना पढने को मिली ..
आपका आभार
बहुत सुन्दर भाव संजोये हैं।
bahut sundar...
बहुत खूब ... सादर !
करवा का व्रत और एक विनती - ब्लॉग बुलेटिन पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप को करवा चौथ की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
चाँद सी उम्र हो तेरी ..... बहुत सुंदर गज़ल
Khoobsoorat! Har kisee kee dua qubool ho!
मेरे मोहसिन मेरे सरताज मुहाफ़िज़ मेरे
चांद सी उम्र हो तेरी ये दुआ करती हूं,,,,,,
वाह ,,,,बहुत खूब, करवाचौथ के अवसर पर लिखी,लाजबाब नज्म,,,शाहिद जी बधाई स्वीकारें,,
RECENT POST : समय की पुकार है,
बहुत सुन्दर....
मौके पर कही गज़ल ने मन हर लिया...
शुक्रिया
अनु
behtareen nazm...:)
बहुत प्यारी नज़्म !
~सादर !
सटीक और सुंदर प्रस्तुति
मेरे मोहसिन मेरे सरताज मुहाफ़िज़ मेरे
चांद सी उम्र हो तेरी ये दुआ करती हूं
वाह शाहिद साहब ।
bahut pyari rachna.
आपका ब्लॉग यहाँ शामिल किया गया है । समय मिलने पर अवश्य पधारें और अपनी राय से अवगत कराएँ ।
ब्लॉग"दीप"
http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/12/16.html
good lines.
good lines.
आप, बस, लाजवाब हैं!
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