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Friday, September 17, 2021

धागों में धागे

 क़ता

अम्न-अम्न कहकर जो सिर्फ़ लड़ाते हैं।

आज खिलाड़ी सफल वही कहलाते हैं।।

मज़हब और सियासत का है खेल यही

धागों में...धागे...उलझाए जाते हैं।।

शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

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