हज़रात,
यहां हमारे शहर में तो नहीं, अलबत्ताटीवी पर खबर है...कि
लखनऊ, दिल्ली, पटना समेत
मुल्क के कई हिस्सों में ईद का चांद नज़र आ गया है
फिर अपना ये क़ता याद आ गया...
वतन की सरज़मीं पर ही किया करते हैं हम सजदे
हमें अपने फलक पर नूर-ए-हक़ की दीद होती है.
हमारे ही वतन की सरहदों में चांद जब आए
हमारा... जश्न होता है... हमारी... ईद होती है.
आप सबको ईद की मुबारकबाद
लीजिये ईद पर ये ग़ज़ल
एक बार फिर आपकी खिदमत में हाज़िर है-
हर घर के आंगन में लेकर आती है खुशहाली ईद
महकाती है दिल का हर गुल, हर पत्ता, हर डाली ईद
रस्म-तकल्लुफ बनकर रह गई अब तो यारो खाली ईद
याद बहुत आती है मुझको अपने बचपन वाली ईद
चांद निराला होता है अपना ए यार निराली ईद
एक नज़र बस राह में उनको देखा और मना ली ईद
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद
रूठ गये जो हमसे ''शाहिद'' हमने उनकी यादों से
उम्मीदों का दीप जलाया और खुशियों में ढाली ईद
शाहिद मिर्ज़ा 'शाहिद'
(शम-ए-अदब पर देखिए अनवर जलालपुरी से बातचीत)
35 comments:
Bahut acchhe Shahid Sahab..
Eie Mubarak Ho...
शानदार. क्या बात है शाहिद जी.
बहुत खुबसूरत अशआर .....
ईद की बहुत बहुत बधाई, ईद मुबारक
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद
paigam to bas ek hai- muhabbat ka
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद
Bahut khoob!
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद
क्या बात है...बहुत ही ख़ूबसूरत ग़ज़ल
ईद मुबारक!!!
ईद मुबारक ...
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद
सच है त्यौहार तो आपस में खुशी बंटने का ही नाम है ... ईद कि सिंवैयाँ याद आ रही हैं :):) एक बार फिर बधाई
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद
रूठ गये जो हमसे ''शाहिद'' हमने उनकी यादों से
उम्मीदों का दीप जलाया और खुशियों में ढाली ईद
Aapko Ied Mubarak Shaid sahab. Khushiyon se saje hon aapke ghar dwar.
ईद के त्योंहार की हार्दिक शुभकामनायें.... हैप्पी ईद :)
बहुत सुन्दर।
--
भाईचारे के मुकद्दस त्यौहार पर सभी देशवासियों को ईद की दिली मुबारकवाद।
--
कल गणेशचतुर्थी होगी, इसलिए गणेशचतुर्थी की भी शुभकामनाएँ!
जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मनाले ईद.
ईद मुबारक
ईद की बहुत बहुत बधाई, ईद मुबारक
ईद पर सुंदर रचना ,ईद मुबारक हो ।
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद
Wallah...Kya baat kahi hai..waah Shahid Bhai waah...
Eid Mubarak.
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद
ईद की बधाई व शुभ कामनाएं
नित नित नयी खुशियाँ आयें
गुड्डो दादी चिकागो से
सुन्दर प्रस्तुति...ईद मुबारक़
बहुत ही बेहतरीन पैग़ाम दिया है आपने शायरी के ज़रिये...
ईद-उल-फ़ित्र की बहुत-बहुत मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं!
ईद मुबारक ! शुभकामनाएँ
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं
खूब कहा जनाब शाहिद साहब ... वाह !
आपकी पाकीज़ा सोच को
और ग़ज़ल के इन सच्चे शेरों
दोनों को सलाम !!
eid mubaarak .
वतन की सरज़मीं पर ही किया करते हैं हम सजदे
हमें अपने फलक पर नूर-ए-हक़ की दीद होती है.
हमारे ही वतन की सरहदों में चांद जब आए
हमारा... जश्न होता है... हमारी... ईद होती है.
सबसे पहले तो इस खूबसूरत क़ता के लिये बधाई. अब ग़ज़ल के बारे में-
"रस्म-तकल्लुफ बनकर रह गई अब तो यारो खाली ईद
याद बहुत आती है मुझको अपने बचपन वाली ईद"
मुझे भी बहुत याद आती है बचपन वाली ईद. अब वो बात रही ही नहीं. रिश्तों के नाम पर रस्म अदा होने लगी है.
"खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद"
सही है. त्यौहार तो बस बहाना है. बहुत सुन्दर ग़ज़ल है शाहिद जी.
ईद मुबारक़ हो.
ed mubarak shahid ji..bahut dino baad aapki koi gazal padhne ko mili....bahut sundar..
वतन की सरज़मीं पर ही किया करते हैं हम सजदे
हमें अपने फलक पर नूर-ए-हक़ की दीद होती है.
हमारे ही वतन की सरहदों में चांद जब आए
हमारा... जश्न होता है... हमारी... ईद होती है.
बेहद ख़ुलूस और सच्चाई के साथ आप ने वतन परस्ती के जज़्बे को क़ता की शक्ल में पेश किया है
मुबारक हो !!
"रस्म-तकल्लुफ बनकर रह गई अब तो यारो खाली ईद
याद बहुत आती है मुझको अपने बचपन वाली ईद"
"खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद"
बहुत ख़ूबसूरत अश’आर से मुरस्सा ग़ज़ल ,,
बहुत ख़ूब !!
बहुत ख़ूब!!!
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद
खुबसूरत ज़ज्बात सर,
आपको सादर बधाइयां...
gazal bahut hi khoobsurat hai ,kuchh baton me gahri sachchai hai ,aapko id mubarak ho ,net sahi nahi chal paa raha is karan thik se kuchh likh nahi paa rahi ,aur kisi blog par nahi jaa paa rahi ,thik hote hi ek baar phir padhoongi .
sach kahaa , bahut hi khoobsoorat likha hai ...
आपको भी ईद की मुबारकबाद......!!!!
ईद पर ये ग़ज़ल हमें इदी की तरह लगी....!
हर घर के आंगन में लेकर आती है खुशहाली ईद
महकाती है दिल का हर गुल, हर पत्ता, हर डाली ईद
बिलकुल दुरुस्त फ़रमाया आपने....!!! गंगा जमुनी तहजीब वाले इस देश में ईद का अपना अलग ही महत्तव है....!!!
"हमारे ही वतन की सरहदों में चांद जब आए
हमारा...जश्न होता है...हमारी...ईद होती है."
बेहद खूबसूरत...!
"इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों का दामन स्वीकार करो
मातृभूमि के अमर सपूतो चिर जीवन स्वीकार करो"
बहुत सुन्दर...!
दोनों रचनाएं दो समय,दो परिस्थितियों के लिए दो ज़बानों में लिखी गयीं!
खूबसूरती ज़ज्बातों की.....
माशा-अल्लाह....!!
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद ...
ईद की सेवइयां खाने देर से पहुँचने की क्षमा चाहता हूँ शाहिद जी ... पर अमन और भाई चारे के पैगाम को इससे अच्छा और नहीं पढ़ा अभी तक ...
अब तो हर त्यौहार आता है जाता है
खुशियाँ मनाते हैं सब मगर
दिल खुशियों से खाली लगता है ....
बहुत खुबसूरत अशआर .....
चांद निराला होता है अपना ए यार निराली ईद
एक नज़र बस राह में उनको देखा और मना ली ईद
खुशियां मिलकर साथ मनाने के त्यौहार बहाने हैं,
सबका है पैगाम मुहब्बत, बैशाखी, दीवाली, ईद
रूठ गये जो हमसे ''शाहिद'' हमने उनकी यादों से
उम्मीदों का दीप जलाया और खुशियों में ढाली ईद
सुभानाल्लाह .....
इक इक शेर नगीना है ...
बहुत खूब लिखते हैं आप .....
इस निराली ईद की ढेरों बधाइयाँ आपको शाहिद जी ....
(देर से ही सही ईद मुबारक आपको )
बहुत खुबसूरत ..
सुन्दर अति सुन्दर ....आपको बहुत बहुत
मुबारकबाद ...शुभकामनायें अपार....विलम्ब से आने के लिये क्षमा प्रार्थना सहित....
सादर !!!
प्रणाम !
चांद निराला होता है अपना ए यार निराली ईद
एक नज़र बस राह में उनको देखा और मना ली ईद
अगली ईद के लिए पहले ही मुबारक बाद कबूल कर लीजिएगा !हम ने ज़रा देरी करदी आप के दर पे आते आते !
सादर
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