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Thursday, August 2, 2012

रक्षा बंधन

 

14 comments:

Alpana Verma said...

धागों में बंधा भाई- बहन का प्यार और उनका मजबूत रिश्ता.
इस पावन पर्व पर बेहद खूबसूरत कविता .

Shah Nawaz said...

Bahut badhia likha hai.... Behtreen...

शारदा अरोरा said...

bahut khoobsoorat sahaj si kavita ban padi hai...

इस्मत ज़ैदी said...

हाँ! बदलता नहीं’
रिश्तों का ये बंधन भैया
जिन की ख़ुश्बू से
महक उठता है आँगन भैया

फ़ारसी की कहावत है न "देर आयद दुरुस्त आयद"
इतने दिनों के बाद आप ब्लॉग पर आए लेकिन बहुत
ख़ूबसूरत क्षणिकाओं के साथ
मुबारक हो

शिवम् मिश्रा said...

ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाये | आपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है, एक आध्यात्मिक बंधन :- रक्षाबंधन - ब्लॉग बुलेटिन, के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बेहतरीन प्रस्तुति,,,बधाई

रक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत सुंदर .... शुभकामनायें

वन्दना अवस्थी दुबे said...

कितनी तरह से आपने इस कच्चे धागे को परिभाषित कर दिया..सचमुच बहुत महत्त्व है इस बंधन का. रक्षा बंधन की अशेष शुभकामनाएं. हाँ इतने दिनों तक कुछ भी न पढवाने की शिकायत अभी दूर नहीं हुई.

vandana gupta said...

बहुत ही सुन्दर .............रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाये

DR. ANWER JAMAL said...

आज रक्षा बंधन के पर्व की सभी को मंगल कामनाएं ।
बहुत ही सुन्दर lines हैं।

Aabhar !!!

सुशील कुमार जोशी said...

बहुत खूब !

***Punam*** said...

उम्र लंबी न सही
कच्चे से इस धागे की
मैंने एहसास पिरोते हुए
कलाई में जिसे बाँधा है...!!

बहुत सुन्दर...
समय के साथ बहुत कुछ बदल जाता है...
नहीं बदलता है तो ये प्यार...!

Asha Joglekar said...

धागे की उम्र छोटी ही सही,
प्यार की उम्र बहुत लंबी हो ।
धागा नाजुक कोमल ही सही
रिश्तों की डोर ये मजबूत हो ।

आपकी रचना और आपकी वापसी पर बहुत बधाई ।

दिगम्बर नासवा said...

बधाई ... इस लाजवाब रचना और रक्षा बंधन की ... साथ ही मुबारक रमजान की ...