जज़्बात का तूफान उठे जब कभी 'शाहिद'........ नग़मात. कोई गीत. कोई शेर बने हैं.
धागों में बंधा भाई- बहन का प्यार और उनका मजबूत रिश्ता. इस पावन पर्व पर बेहद खूबसूरत कविता .
Bahut badhia likha hai.... Behtreen...
bahut khoobsoorat sahaj si kavita ban padi hai...
हाँ! बदलता नहीं’ रिश्तों का ये बंधन भैयाजिन की ख़ुश्बू से महक उठता है आँगन भैयाफ़ारसी की कहावत है न "देर आयद दुरुस्त आयद"इतने दिनों के बाद आप ब्लॉग पर आए लेकिन बहुत ख़ूबसूरत क्षणिकाओं के साथमुबारक हो
ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाये | आपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है, एक आध्यात्मिक बंधन :- रक्षाबंधन - ब्लॉग बुलेटिन, के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
बेहतरीन प्रस्तुति,,,बधाई रक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,
बहुत सुंदर .... शुभकामनायें
कितनी तरह से आपने इस कच्चे धागे को परिभाषित कर दिया..सचमुच बहुत महत्त्व है इस बंधन का. रक्षा बंधन की अशेष शुभकामनाएं. हाँ इतने दिनों तक कुछ भी न पढवाने की शिकायत अभी दूर नहीं हुई.
बहुत ही सुन्दर .............रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाये
आज रक्षा बंधन के पर्व की सभी को मंगल कामनाएं ।बहुत ही सुन्दर lines हैं।Aabhar !!!
बहुत खूब !
उम्र लंबी न सहीकच्चे से इस धागे कीमैंने एहसास पिरोते हुएकलाई में जिसे बाँधा है...!!बहुत सुन्दर...समय के साथ बहुत कुछ बदल जाता है...नहीं बदलता है तो ये प्यार...!
धागे की उम्र छोटी ही सही,प्यार की उम्र बहुत लंबी हो ।धागा नाजुक कोमल ही सहीरिश्तों की डोर ये मजबूत हो ।आपकी रचना और आपकी वापसी पर बहुत बधाई ।
बधाई ... इस लाजवाब रचना और रक्षा बंधन की ... साथ ही मुबारक रमजान की ...
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14 comments:
धागों में बंधा भाई- बहन का प्यार और उनका मजबूत रिश्ता.
इस पावन पर्व पर बेहद खूबसूरत कविता .
Bahut badhia likha hai.... Behtreen...
bahut khoobsoorat sahaj si kavita ban padi hai...
हाँ! बदलता नहीं’
रिश्तों का ये बंधन भैया
जिन की ख़ुश्बू से
महक उठता है आँगन भैया
फ़ारसी की कहावत है न "देर आयद दुरुस्त आयद"
इतने दिनों के बाद आप ब्लॉग पर आए लेकिन बहुत
ख़ूबसूरत क्षणिकाओं के साथ
मुबारक हो
ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाये | आपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है, एक आध्यात्मिक बंधन :- रक्षाबंधन - ब्लॉग बुलेटिन, के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
बेहतरीन प्रस्तुति,,,बधाई
रक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,
बहुत सुंदर .... शुभकामनायें
कितनी तरह से आपने इस कच्चे धागे को परिभाषित कर दिया..सचमुच बहुत महत्त्व है इस बंधन का. रक्षा बंधन की अशेष शुभकामनाएं. हाँ इतने दिनों तक कुछ भी न पढवाने की शिकायत अभी दूर नहीं हुई.
बहुत ही सुन्दर .............रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाये
आज रक्षा बंधन के पर्व की सभी को मंगल कामनाएं ।
बहुत ही सुन्दर lines हैं।
Aabhar !!!
बहुत खूब !
उम्र लंबी न सही
कच्चे से इस धागे की
मैंने एहसास पिरोते हुए
कलाई में जिसे बाँधा है...!!
बहुत सुन्दर...
समय के साथ बहुत कुछ बदल जाता है...
नहीं बदलता है तो ये प्यार...!
धागे की उम्र छोटी ही सही,
प्यार की उम्र बहुत लंबी हो ।
धागा नाजुक कोमल ही सही
रिश्तों की डोर ये मजबूत हो ।
आपकी रचना और आपकी वापसी पर बहुत बधाई ।
बधाई ... इस लाजवाब रचना और रक्षा बंधन की ... साथ ही मुबारक रमजान की ...
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