ब्लॉग दिवस!
चलिए एक शेर हाज़िर है-
जो दिल में है छुपाने का हुनर आने लगा शायद
हमें भी कुछ ज़माने का हुनर आने लगा शायद
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
चलिए एक शेर हाज़िर है-
जो दिल में है छुपाने का हुनर आने लगा शायद
हमें भी कुछ ज़माने का हुनर आने लगा शायद
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
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